हेलो दोस्तो नमस्कार मैं नागेन्द्र पाल सोनी फिर से आपके लिए हाजिर हूं दोस्तो एक बार की बात है एक जंगल में आग लग गई थी बहुत भीषण आग जिसमें की जंगल के पेड़ पौधे सारे जीव जंतु जल करके राख हो रहे थे तभी एक पेड़ पर एक जोड़ा पक्षियों का बैठा हुआ था उन्हें देख कर के उड़ते हुए कुछ पक्षियों ने पूछा यह दोस्त इस जंगल में बहुत भीषण आग लगी है तो तुम क्यों इस पेड़ के ऊपर बैठे हो यह कि तुम्हें पता है की यह पेड़ जल जाएगा और अगर इस पेड़ में आग लग गई तो तुम भी इसके साथ जल जाओगे इस पर कुछ पंक्तियां लिखी है
आग लगी इस वृक्ष में जलते इसके पात
तुम क्यों जलते पंछियों उड़ चलो हमारे साथ
तभी पक्षी के जोड़े ने उन्हें उत्तर दिया और कहा
फल खाए इस वृक्ष के गंधे की ने पात
यही हमारा कर्म धर्म है जल मरे इसी के साथ
दोस्तों यह पंक्ति एक पक्षी के ऊपर लिखी हुई है लेकिन आपत्ति काल में देश के साथ कौन टिक सकता है और कौन भाग सकता है यह ऐसी परिस्थिति में ही जाना जा सकता है जैसे की जंगल की आग के समय 2 पक्षियों का क्या निर्णय था दोस्तों आज के लिए इतना ही काफी है मैं नागेंद्र पाल सोनी फिर से आप लोगों के बीच हाजिर रहूंगा मेरे साधु रहने के लिए मुझे फॉलो कीजिए और कमेंट भी जरूर कीजिए दोस्तों इसे शेयर करना ना भूलें क्योंकि यह देश भक्ति से जुड़ा हुआ एक किस्सा है दोस्तों मैं आप लोगों के लिए कुछ नया हमेशा लाता हूं और मेरा यही प्रयास रहता है कि आप लोगों के लिए कुछ नया करो कुछ नया सिखाओ या कुछ आप लोगों से सीखने को भी मुझे मिलता है आप कमेंट बॉक्स में मुझे बताएं ''धन्यवाद,
लेखक नागेन्द्र पाल सोनी
आग लगी इस वृक्ष में जलते इसके पात
तुम क्यों जलते पंछियों उड़ चलो हमारे साथ
तभी पक्षी के जोड़े ने उन्हें उत्तर दिया और कहा
फल खाए इस वृक्ष के गंधे की ने पात
यही हमारा कर्म धर्म है जल मरे इसी के साथ
दोस्तों यह पंक्ति एक पक्षी के ऊपर लिखी हुई है लेकिन आपत्ति काल में देश के साथ कौन टिक सकता है और कौन भाग सकता है यह ऐसी परिस्थिति में ही जाना जा सकता है जैसे की जंगल की आग के समय 2 पक्षियों का क्या निर्णय था दोस्तों आज के लिए इतना ही काफी है मैं नागेंद्र पाल सोनी फिर से आप लोगों के बीच हाजिर रहूंगा मेरे साधु रहने के लिए मुझे फॉलो कीजिए और कमेंट भी जरूर कीजिए दोस्तों इसे शेयर करना ना भूलें क्योंकि यह देश भक्ति से जुड़ा हुआ एक किस्सा है दोस्तों मैं आप लोगों के लिए कुछ नया हमेशा लाता हूं और मेरा यही प्रयास रहता है कि आप लोगों के लिए कुछ नया करो कुछ नया सिखाओ या कुछ आप लोगों से सीखने को भी मुझे मिलता है आप कमेंट बॉक्स में मुझे बताएं ''धन्यवाद,
लेखक नागेन्द्र पाल सोनी
