एक गांव में एक किसान रहता था
किसान के पास एक कबूतर एक मुर्गा और एक बकरा था
किसान के घर में एक चूहा भी था जिससे किसान बहुत ज्यादा परेशान था
किसान ने सोचा कि अगर इस चूहे को पिंजरे में बंद कर दिया जाए
तो मुझे इससे छुटकारा मिल सकता है और किसान ने चूहे के लिए एक पिंजरा लिया
जब चूहे ने यह देखा कि मेरे वास्ते किसान ने पिंजरा लगा रखा है तो उसने कबूतर से जाकर कहा
कबूतर भैया मुझे किसान से बचाओ और किसान ने यह पिंजरा मेरे लिए रखा है तो इसमें मेरी रक्षा करो
लेकिन कबूतर ने कहा कि यह केकरा तुम्हारा वास्ते है। यह तेरी प्रॉब्लम है
फिर चूहा मुर्गे के पास गया और मुर्गे से कहा गया कि मुर्गा भैया मेरी रक्षा करो किसान ने मेरे वास्ते यह पिंजरा लगा रखा है और मैं इसमें फंस सकता हूं तो आप मेरी कुछ मदद करें।
लेकिन मुर्गे ने भी यही कहा कि यहां तेरी प्रॉब्लम है
फिर चूहा अंतिम बकरे के पास गया और बकरे से कहा कि बकरे भैया मेरी कुछ मदद करो किसान ने मेरे वास्ते पिंजरा रखा है और मैं इसमें फंस सकता हूं।
आप मेरी थोड़ी मदद करोगे तो मैं इस पिंजरे में नहीं फंसूगा लेकिन बकरे ने भी कहा कि यह तेरी प्रॉब्लम है और इस प्रॉब्लम में मुझे मत घसीट नहीं खुद ही इसका समाधान कर।
फिर चूहा वहाँ से चला जाता है और कुछ देर बाद उस पिंजरे में एक सांप पास जाता है फिर सुबह किसान की पत्नी कोरा देखने आता है तो उस समय सांप उसकी पत्नी को डांस लेता है किसान अपनी पत्नी को एक वैद्य के पास ले जाता है वैद्य सांप की आत्मा को बुलाकर जहर निकाल लेता है
फिर उसके बाद किसान को कहना है कि अपनी पत्नी को कबूतर का सूप पिलाना तो इसकी सेहत ठीक हो जाएगी किसान घर पर जाता है और कबूतर का सूप बनाकर अपनी पत्नी को देता है
फिर उसके बाद रिश्तेदार उसकी पत्नी को मिलने आते हैं तो उनके लिए किसान अपने मुर्गे को मार देता है उसके बाद जब उसकी पत्नी सही रूप से ठीक हो जाती है तो किसान खुशी में गांव वालों को मटन बिरयानी खिलाने का फैसला लेता है और फिर वह बकरे को मार देता है।
तो दोस्तों आज की कहानी का यही रहस्य था

